इन्द्रधनुष जेसी रंगों से भरी,
कभी सीखा गयी, कभी हँसा गयी
कभी रुला गयीl
हुई शुरुआत इसकी जब अनुज ने पूछा स्कोपिंग जमबोरी के बाद, कौन सी टीम करेगी अगली जमबोरी, उत्साह पूर्वक हाथ उठाया हमने
कहा कॉम टीम करेगी अगली जमबोरी।
पूछे गए अनेक सवाल और हर सवाल था बेमिसाल बना पाँच दिन का कार्यक्रम ,
उदेश्य था मिल जुल कर जानने और
सीखने का, ताकि हर जन तक पहुंचे शुद्ध सर्वजल,
कॉम की भूमिका पर जोर देने का,
कोशिश थी विभिन्न टीम के सदस्यों का बने समागम,
मिल कर कुछ करने का रखते है दम।
पहला गगन्तव्य था जयपुर ,
जहा हमने pcds के बारे में जाना,
मशीन का चलना है जरुरी यह सबने माना, कम्मुनिटी का विश्ववास फिर बना,
आदित्य का नामुमकिन से मुमकिन,
दिलबरी की उमग और तरूण के
टैलेंट ने कर दिया दंग,
साइट और कस्टमर प्रोफाइल के
बिना नहीं चलेगा काम,
बेसलाइन और स्कोपिंग जानकारी के बिना नहीं रखना है फील्ड में कदम,
हम नुक्कड़ नाटक और टॉक शो का रखते है दम।
अगला पड़ाव था गुजरात,
जहा की निराली थी हर बात,
गाव् थे चार , वाटर ओफटाके न होने के कारण थे हज़ार,
बेसलाइन का डाटा किया इस्तेमाल,
सर्वजल के प्रचार , स्कूल ड्राइव, जल कथा और रैली से किया धमाल,
कम्युनिटी के प्रति, ऑपरेटर भाई
अपनी जिम्मेदारी न देना टाल,
नहीं तो फिर उठजायेंगे सवाल।
तीसरा और आखिरी पड़ाव था भुवनेश्वर ,
लगाना था यहाँ कई गुना जोर क्योंकि पांच गुना पानी निकलने की उम्मीद थी भरपूर,
अर्बन, ऑपरेशन्स, आईटी, scm, मार्केटिंग, सेल्स और कॉम टीम का बनाया एक दस्ता,
ngos को साथ लेकर, लगा कर कैनोपी,
बजा कर सर्वजल जिंगल, कम्मुनिटी को किया जागरूक, बेहतर स्वास्थ्य, उम्दा क्वालिटी, वाजिब मूल्य का दिया वास्ता ।
चाहे हो बस्ती या हो सार्वजनिक स्थल, कम्युनिटी को साथ रखने, हुई bmc के साथ सुनवाई,
लोगो को जागरूक करना है कितना जरुरी यह बात उनको भी समझाई,
कार्ड हो एक्टिव, तो कर सकते है धाक के तीन पात।
अभी और बहुत कुछ करना और सीखना, उस को ले कर थी विचारो मैं गुम, तभी मेंरे 11 वर्षीय बेटे ने पूछा माँ कब है अगली जमबोरी।